नई दिल्ली, 26 अगस्त। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। कॉलेजियम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए नौ नाम भेजे गए थे। केंद्र ने इन सभी नामों को मंजूरी देते हुए उन फाइलों को अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है। समझा जाता है कि शुक्रवार तक इस बाबत औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।
कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के साथ ही भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस (सीजेआई) मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है क्योंकि केंद्र को प्रेषित नौ नामों में जस्टिस बी.वी. नागरत्ना का नाम भी शामिल था। जस्टिस नागरत्ना आगे चलकर चीफ जस्टिस भी बन सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 34, अभी 24 जज कार्यरत
न्याय मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सभी जजों का शपथ ग्रहण भी कराया जा सकता है। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की नियुक्ति से काफी राहत मिलेगी क्योंकि पिछले 10 वर्षों में सबसे कम जज मौजूदा वक्त कार्यरत हैं। सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों की स्वीकृत संख्या है जबकि अभी 24 जज कामकाज देख रहे हैं। हालांकि नौ जजों के आने के बाद भी एक सीट खाली रहेगी।
जस्टिस नागरत्ना 2027 में बनेंगी देश की पहली सीजेआई
जिन नौ नामों को कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित किया गया है, उसमें तीन महिला जज भी शामिल हैं। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी के सुप्रीम कोर्ट आने के बाद यहां पहले से कार्यरत जस्टिस इंदिरा बनर्जी सहित चार महिला जज हो जाएंगी। वरिष्ठता के आधार पर गणना करें तो जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली सीजेआई होंगी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने, जिसमें मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना, जस्टिस यू.यू. ललित, जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एल. नागेश्वर राव शामिल हैं, गत 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए हाई कोर्ट के आठ जजों और एक वकील सहित नौ नामों की सिफारिश की थी। इनमें पीएस नरसिंहा इकलौते वकील हैं, जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनने जा रहे हैं।
पी.एस. नरसिम्हा बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनने जा रहे
कॉलेजियम से प्रस्तावित नामों में जस्टिस विक्रम नाथ (गुजरात), जस्टिस ए.एस. ओका (कर्नाटक), जस्टिस हिमा कोहली (तेलंगाना) और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी (सिक्किम) शामिल हैं। वहीं चार उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश जस्टिस बी.वी. नागरत्ना (कर्नाटक), जस्टिस एमएम सुंदरेश (मद्रास), जस्टिस सी.टी. रविकुमार (केरल), जस्टिस बेला.एम. त्रिवेदी (गुजरात) और वरिष्ठ वकील व पूर्व एएसजी पी.एस. नरसिम्हा के नाम शामिल हैं।