लखनऊ, 25 मार्च। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में ओबीसी कार्ड खेलते हुए दलितों को भी रिझाने की पूरी कोशिश की है। इसके अलावा पार्टी ने अपने कोर वोट बैंक ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय के साथ-साथ जाट और भूमिहारों का भी ख्याल रखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर कुल 52 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। सीएम योगी अदित्यनाथ के अलावा 18 कैबिनेट मंत्रियों, 14 राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्यमंत्रियों को भी राज्यपाल आनंदीबेन ने शपथ दिलाई।
PM Shri @narendramodi attends oath-taking ceremony of UP CM @myogiadityanath in Lucknow. https://t.co/etf5UWJ0dS
— BJP (@BJP4India) March 25, 2022
योगी ने मंत्रिमंडल में ऊंची जातियों के साथ-साथ पिछड़े वर्ग की अतिपिछड़ी जातियों को खास स्थान दिया है तो मुस्लिम और सिख समुदाय को भी जगह दी गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत वर्तमान योगी कैबिनेट में जातीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश की गई है।
योगी सरकार के 2.0 के मंत्रिमंडल को अगर जातीय समीकरण के लिहाज से देंखे तो कैबिनट में योगी आदित्यनाथ सहित सवर्ण समुदाय के 21 लोगों को जगह मिली है जबकि ओबीसी जातियों के 20 नेताओं को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा दलित समुदाय के नौ मंत्री बनाए गए हैं तो एक मुस्लिम, एक सिख और एक पंजाबी को जगह मिली है। इसके अलावा यादव समुदाय को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।