नई दिल्ली, 23 अगस्त। गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार हुईं बिलकिस बानो के दोषियों की जेल से रिहाई का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करने की बात कही है। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, ‘हम इस मामले की लिस्टिंग को लेकल विचार करेंगे।’
बता दें कि शीर्ष अदालत में दायर याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार यानी कल ही हो। इस पर सीजेआई ने कहा है कि वो देखेंगे। इस मामले में 11 दोषी 15 अगस्त को गोधरा उप जेल से बाहर आए। गुजरात सरकार ने कैदियों को माफी नीति के तहत दोषियों की रिहाई को मंजूरी दी। सभी ने जेल में 15 साल की सजा पूरी कर ली थी।
बता दें कि 21 जनवरी 2008 को मुंबई में सीबीआई की स्पेशल अदालत ने सभी 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सभी को बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या का दोषी ठहराया गया था। बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा। गौरतलब है कि 2002 में गोधरा ट्रेन में आगजनी की घटना के बाद भड़की हिंसा के दौरान बिलकिस बानो 21 साल की थी और 5 महीने की गर्भवती भी थी। इसी हालत में उसके साथ गैंगरेप किया गया। मरने वालों में उसकी तीन साल की बेटी भी थी।