नई दिल्ली, 25 दिसम्बर। भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा है कि संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने मर्यादा का ध्यान नहीं रखा और उनका व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण तथा निंदनीय था। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष ने महंगाई पर चर्चा की मांग की थी और सरकार तैयार भी थी। वह स्वयं तीन बार कई विषयों को लेकर चर्चा के लिए सदन में आए थे, लेकिन विपक्ष के व्यवधान की वजह से उन्हें इसका मौका ही नहीं मिला।
उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों कीमतों को लेकर सवाल उठा रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए श्री पुरी ने कहा कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने ही 2010 में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त किया था और फिर दाम को नियंत्रण में रखने के लिए ‘ऑयल बॉन्ड’ का रास्ता निकाला था, जिस गलती की भरपाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व सरकार को करनी पड़ रही है। उन्होने कहा कि अगर सदन में महंगाई पर चर्चा हुई होती तो सदन के जरिए पूरे देश को इस सच्चाई का पता लगता। पुरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई विधेयकों को गिनवाया जिसे कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में सिर्फ तीन और पांच मिनट में ही पारित करवाया गया था।
उन्होने कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के शासनकाल में लिंचिंग और दंगो की सबसे ज़्यादा घटनाएं हुईं। इस अवसर पर मौजूद भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में जैसा व्यवहार हुआ है, उससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस को विपक्ष के रूप में व्यवहार करना भी नहीं आता। कांग्रेस को न सत्ता चलानी आती है, न ही विपक्ष में जिम्मेदारी पूर्ण आचरण करना आता है। उन्होंने कहा, ” विपक्ष ने सत्र के दौरान जनता की अपेक्षा के साथ अन्याय किया। उन्होंने सदन की गरिमा का अपमान किया।” श्री त्रिवेदी ने कहा कि विपक्ष ने सत्र के दौरान राज्य सभा के उपसभापति को भयभीत करने का प्रयास किया गया जो घोर निंदनीय है।