उदयपुर, 26 जुलाई। राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा का दर्द एक बार फिर छलका है। राजस्थान विधानसभा से जबर्दस्ती निकाले गए पूर्व मंत्री ने अब सीधे राहुल गांधी का नाम लेकर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे मंत्री पद से तो बर्खास्त किया ही है, लेकिन अब तक ये नहीं बताया कि विधानसभा में मुझे बैठना कहां है?’
राजेंद्र गुढ़ा ने यहां कहा, “राहुल गांधी जी बोलते हैं, ‘मेरा माइक बंद कर दिया’, ‘मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया गया’। राहुल जी, आपका तो माइक बंद किया, लेकिन मुझे तो बैठने के लिए सीट तक नहीं दी। मुझे मंत्री पद से बर्खास्त कर यह तक नहीं बताया कि मुझे बैठना कहां है।”
इससे पहले राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था, ‘गहलोत सरकार में बैठे लोगों के कारण राज्य में अपराध बढ़ रहा है। अगले कुछ दिनों में रैली करने और जनता के बीच जाने की घोषणा करते हुए गुढ़ा ने कहा कि पूरे मंत्रिपरिषद का नार्को टेस्ट होना चाहिए। आरोपित सरकार में बैठे हैं और उनकी वजह से राजस्थान महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अत्याचार में नंबर 1 बन गया है। मुझे विधानसभा में बोलने के अधिकार, राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और अन्य अत्याचार का विरोध करने पर बर्खास्त किया गया।’
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी सरकार को घेरने में बर्खास्त किए गए थे गुढ़ा
गौरतलब है कि गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने गत शुक्रवार (21 जुलाई) विधानसभा में अपनी ही सरकार को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया था। गुढ़ा ने कहा था, ‘हमें मणिपुर की चिंता छोड़कर अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।’ गुढ़ा के बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत ने एक पत्र लिखकर राज्यपाल कलराज मिश्र से उन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी और उसी रात गुढ़ा मंत्री पद से बर्खास्त कर दिए गए।
विधायकों की खरीद फरोख्त के हिसाब वाली लाल डायरी भी लेकर आए थे
विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा एक लाल डायरी लेकर आए थे, जिसके बारे में उनका दावा है कि उसमें विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़ी जानकारी थी। गुढ़ा जब अध्यक्ष की कुर्सी के करीब पहुंचे तो कांग्रेस विधायकों के साथ धक्का-मुक्की हुई। हंगामे के बाद मार्शलों ने गुढ़ा को राजस्थान विधानसभा से बाहर कर दिया था।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि इस लाल डायरी में विधायकों की खरीद फरोख्त का हिसाब था। सीएम अशोक गहलोत ने ही उनसे ये डायरी लाने को कहा था और इसे जलाने का आदेश दिया था।