लखनऊ, 5 फरवरी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर जो हमला हापुड के छिजारसी टोल पर हुआ, उस मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपितों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि यदि उन्हें मौका मिलता तो वे गत सितंबर महीने में संभल में ही उनपर हमला कर देते, जो ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता।
सचिन और शुभम को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी
पुलिसिया पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपित सचिन शर्मा और उसके साथी शुभम ने कई अहम खुलासे किए हैं। फिलहाल 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जा चुके दोनों आरोपितों को अब पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि गत तीन फरवरी को हापुड़ के छिजारसी टोल पर असदुद्दीन ओवैसी पर जिन दो हथियारों से गोली चली, वे मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के राधना गांव से ही खरीदे गए थे। मुख्य आरोपित सचिन शर्मा के पास से 9 एमएम की पिस्टल और 3 खोखे पुलिस को बरामद हुए तो वहीं शुभम के पास से एक 32 बोर की रिवाल्वर और एक खोखा बरामद हुआ। दोनों ही आरोपितों से शुरुआती पूछताछ में इतना तो साफ हो गया कि इस हमले में किसी अन्य साजिशकर्ता की फिलहाल भूमिका नहीं है। सचिन ने ही इस पूरी घटना की प्लानिंग रची और अपने दोस्त शुभम को इसमें साथ लिया।
पहले भी हमले की कोशिश कर चुका था सचिन
पूछताछ में सचिन शर्मा ने बताया कि उसने तीन से चार बार कोशिश भी की। वह कई बार ओवैसी की रैलियों में पहुंचा, भीड़ के बीच उनके पास भी पहुंचा, लेकिन मौका नहीं मिला। उसने बताया कि सितंबर में संभल में हुई एक रैली के दौरान भी वह ओवैसी के पास पहुंच गया था, लेकिन इससे पहले कि वह पिस्टल निकालता, सेल्फी लेने वाली भीड़ ने उसको वहां से धक्का देकर पीछे कर दिया।
सचिन ने ही ओवैसी की गाड़ी पर चलाई थी पहली गोली
छिजारसी टोल पर भी सचिन ने ही ओवैसी के ऊपर पहली गोली चलाई। ओवैसी की गाड़ी पर सचिन ने नीचे की ओर ज्यादा गोलियां चलाईं क्योंकि उसे अंदाजा था कि हमला होते ही आदमी आगे की तरफ झुकता है, नीचे बैठता है। ऐसे में नीचे गोली मारेंगे तो जरूर लगेगी। बस इसी नीयत से सचिन ने तीन गोलियां चलाईं और शुभम के रिवाल्वर से एक गोली चली।
फिलहाल, कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। सोमवार को पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली जा सकती है ताकि पता चले कि यह हथियार मेरठ के किठौर से किससे खरीदे गए थे। इतना ही नहीं सचिन ने जिस 9 एमएम की पिस्टल से गोली चलाई, उसका कारतूस भी उसे कहां से मिला? पुलिस के लिए बड़ा सवाल होगा क्योंकि 9 एमएम प्रतिबंधित बोर है और इसका कारतूस सिर्फ पुलिस को ही मिलता है।