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पहलवानों के समर्थन में उतरी 1983 की विश्व विजेता क्रिकेट टीम, संयुक्त बयान में कहा – ‘बदसलूकी देखकर परेशान हैं’

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नई दिल्ली, 2 जून। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे के पहलवानों के समर्थन में अब 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम उतर आई है। इस टीम की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है, ‘प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ जो बदसलूकी की गई है, उसे देखकर हम परेशान हैं।’

आनन-फानन में कोई फैसला नहीं लेने का पहलवानों से अनुरोध

पहलवानों द्वारा अपने पदक गंगा में बहाने की आशंका से चिंतित 1983 की विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम ने शुक्रवार को उनसे आनन-फानन में फैसला नहीं लेने का अनुरोध करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी शिकायतों का हल निकाला जाएगा।

दिल्ली पुलिस ने 28 मई को प्रदर्शशनकारी पहलवानों को हिरासत में लिया था

उल्लेखनीय है कि बृजभूषण शरण सिंह को कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर गत 28 मई को प्रदर्शनकारी पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था, जब वे अनुमति के बिना नई संसद की तरफ मार्च कर रहे थे।

पदकों को गंगा में विसर्जित करने का फैसला टाला

इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया अपने जीते गए पदक गंगा में विसर्जित करने के लिए 30 मई को हरिद्वार पहुंचे थे। हालांकि किसान नेताओं की ओर से की गई अपीलों के बाद पहलवानों ने गंगा में पदक विसर्जन का फैसला कुछ दिनों के लिए टाल दिया था।

क्या कहा 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम ने?

1983 विश्व कप विजेता टीम ने जारी संयुक्त बयान में कहा, ‘हम चैंपियन पहलवानों के साथ बदसलूकी की तस्वीरें देखकर काफी व्यथित हैं। हमें इसकी काफी चिंता है कि वे मेहनत से जीते गए पदकों को गंगा में बहाने की सोच रहे हैं।’

दिग्गज क्रिकेटरों ने कहा, ‘इन पदकों के पीछे वर्षों के प्रयास, बलिदान, समर्पण और मेहनत शामिल है। वे उनका ही नहीं, बल्कि देश का गौरव हैं। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले में आनन-फानन में फैसला नहीं लें और हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उनका हल निकाला जाएगा। कानून को अपना काम करने दीजिए।’

गौरतलब है कि कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप 1983 जीतने वाली टीम में सुनील गावस्कर, मोहिंदर अमरनाथ, के. श्रीकांत, सैयद किरमानी, यशपाल शर्मा, मदन लाल, बलविंदर सिंह संधू, संदीप पाटिल, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी और रवि शास्त्री भी थे।

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