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टेस्ला प्रमुख एलन मस्क भारत दौरे पर आएंगे, बोले – ‘पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर उत्सुक हूं’

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नई दिल्ली, 10 अप्रैल। अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कम्पनी टेस्ला के प्रमुख और अरबपति कारोबारी एलन मस्क इसी माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए भारत दौरे पर आने वाले हैं। वह इस मुलाकात के बाद देश में निवेश और एक नई फैक्ट्री खोलने की अपनी योजना से संबंधित घोषणा भी कर सकते हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जानकारी दी है कि 22 अप्रैल के सप्ताह में मोदी और मस्क की मुलाकात होगी।

मीडिया की रिपोर्ट के बाद एलन मस्क ने पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर उत्सुकता जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘भारत में पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर उत्सुक हूं।’

पिछले वर्ष जून में पीएम मोदी व मस्क की न्यूयॉर्क में हुई थी मुलाकात

बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद मस्क अपनी भारत की योजनाओं के बारे में अलग से घोषणा करेंगे। टेस्ला के सीईओ के साथ उनकी यात्रा के दौरान अन्य अधिकारी भी होंगे। हालांकि पीएम मोदी के कार्यालय और टेस्ला ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क इससे पहले आखिरी बार पिछले वर्ष जून में न्यूयॉर्क में मिले थे। इस मुलाकात के बाद  टेस्ला ने महीनों तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयात कर कम करने की गुजारिश की थी।

भारत ने इसी वर्ष कुछ शर्तों के साथ लागू की है ईवी नीति

गौरतलब है कि भारत ने पिछले महीने एक नई ईवी नीति का अनावरण किया है, जिसमें कुछ मॉडलों पर आयात कर को 100% से घटाकर 15% कर दिया गया है। इसके साथ शर्त रखी गई है कि ये छूट तभी मिलेगी, जब कोई निर्माता भारत में कम से कम $500 मिलियन का निवेश करता है और एक कारखाना भी स्थापित करता है।

रॉयटर्स ने यह भी जानकारी दी है कि टेस्ला के अधिकारियों के इस महीने भारत का दौरा करने की उम्मीद है ताकि वे एक विनिर्माण संयंत्र के लिए साइटों को देख सकें, जिसके लिए लगभग दो बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। टेस्ला ने इस वर्ष के अंत में भारत में निर्यात के लिए अपने जर्मन प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।

भारत के ईवी बाजार में टाटा मोटर्स का दबदबा

उल्लेखनीय है कि भारत का ईवी बाजार छोटा है, लेकिन बढ़ रहा है और स्थानीय कार निर्माता टाटा मोटर्स का दबदबा है। 2023 में कुल कार बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी थी। सरकार 2030 तक 30% का लक्ष्य रख रही है। टेस्ला भारत में ऐसे समय में कदम रखने जा रही है, जब अमेरिकी और चीनी बाजारों में ईवी की धीमी मांग है। टेस्ला ने पहली तिमाही की डेलिवरी में गिरावट दर्ज की है। वहीं चीन में टेस्ला को चीनी वाहन निर्माताओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पड़ रहा है।