श्रीनगर, 29 सितम्बर। सुरक्षा बलों ने मंगलवार को उरी से जिस किशोरवय पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर को पकड़ा था, उसने पूछताछ में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की पोल खोलते हुए स्वीकार किया है कि वह हथियारों की सप्लाई करने के लिए भारत आया था।
आईएसआई ने दिया था रुपयों का लालच
19 वर्षीय अली बाबर ने पूछताछ में कबूला कि उसे भारत आने के लिए आईएसआई ने रुपयों का लालच दिया था और पाकिस्तानी सेना ने ट्रेनिंग दी थी। उसने कहा, ‘मुझे 20 हजार रुपये एडवांस मिले थे। इसके अलावा मेरे परिवार को 30 हजार रुपये दिए गए थे।’
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ओकारा के निवासी अली बाबर को पाकिस्तान के गढ़ी हबीबुल्लाह में आतंकी ट्रेनिंग मिली थी। बाबर को पट्टन इलाके में हथियार पहुंचाने का जिम्मा मिला था। ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बाबर का काम सिर्फ हथियार पहुंचाने तक सीमित न हो बल्कि वह किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के प्लान का हिस्सा रहा हो।
10 दिनों से उरी के पास एक नाले में छिपा था बाबर
सुरक्षा बलों ने बाबर को लश्कर ए तैयबा का आतंकी करार देते हुए मंगलवार को बताया था कि वह पिछले 10 दिनों से उरी के पास मौजूद एक नाले में छिपा था। उसके पास से एक-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड बरामद हुए। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा भी गया था, वहीं तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए थे।