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तेलंगाना के पहले कांग्रेसी सीएम रेवंत रेड्डी ने 11 कैबिनेट मंत्रियों के साथ संभाली कमान

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हैदराबाद, 7 दिसम्बर। तेलंगाना के पहले और लगातार दो बार के मुख्यमंत्री रहे के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को हराकर कांग्रेस का परचम लहराने वाले अनुमुला रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को अपराह्न राज्य के पहले कांग्रेसी मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। राजधानी हैदराबाद के मध्य एसेंबली मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित लाल बहादुर स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने 54 वर्षीय रेवंत रेड्डी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

मल्लू भट्टी विक्रमार्क बने डिप्टी सीएम, गद्दाम प्रसाद विधानसभा के नए अध्यक्ष

रेवंत रेड्डी के साथ कांग्रेस के 11 अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इनमें मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल मल्लू भट्टी विक्रमार्क भी शामिल थे, जिन्हें रेड्डी डिप्टी सीएम बनाया गया है। राज्यपाल सौंदरराजन ने गद्दाम प्रसाद कुमार को भी तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष पद की शपथ भी दिलाई।

मंत्री पद की शपथ लेने वाले अन्य विधायकों में एन. उत्तम कुमार रेड्डी, सी. दामोदर राजनरसिम्हा, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, दुद्दिला श्रीधर बाबू, पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूनम प्रभाकर, कोंडा सुरेखा, दाना अनसूया सीताक्का, थुम्मला नागेश्वर राव व जुपल्ली कृष्णा राव शामिल हैं

समरोह में सोनिया, खड़गे, राहुल व प्रियंका सहित अन्य दिग्गज नेता उपस्थित रहे

रेवंत रेड्डी के शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी, पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सहित कांग्रेस के विभिन्न राज्य प्रमुख उपस्थित थे।

रेवंत रेड्डी ने आमजन को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए खुला निमंत्रण दिया था। कार्यक्रम में करीब एक लाख लोग शामिल हुए। गौरतलब है कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर 119 में से 64 सीट जीती हैं। बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा।

सीएम रेवंत रेड्डी का राजनीतिक सफर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से राजनीतिक करिअर की शुरुआत करने वाले रेड्डी पहले कुछ समय के लिए बीआरएस (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) में रह चुके हैं। वह 2006 में जिला परिषद चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते थे। वह 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अविभाजित आंध्र प्रदेश में विधान परिषद में निर्वाचित हुए।

रेड्डी फिर तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) में शामिल हो गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी थे। उन्होंने 2009 में तेदेपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था और 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी। वह 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस उम्मीदवार से हार गए थे। उन्होंने तेदेपा छोड़कर 2017-18 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।

रेड्डी 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की मल्काजगिरि संसदीय सीट से कांग्रेस सांसद के रूप में निर्वाचित हुए। उन्हें 2021 में कांग्रेस में ‘जूनियर’ नेता होने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। वह कड़ी चुनौतियों के बावजूद कांग्रेस को सफलता दिलाने की मशक्कत करते रहे और इस वर्ष मई में कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली।

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