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टीम इंडिया के मुख्य कोच द्रविड़ का युवाओं को संदेश – मुश्किल है टेस्ट क्रिकेट, सफलता के लिए एक दूसरे की जरूरत पड़ेगी

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धर्मशाला, 10 मार्च। टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को संदेश दिया है कि टेस्ट क्रिकेट की मुश्किल डगर में फतह हासिल करने के लिए एकजुट बने रहने और एक इकाई के तौर पर खेलने की जरूरत है। पूर्व भारतीय कप्तान ने मेजबानों की इंग्लैंड पर पांच मैचों की सीरीज में 4-1 की यादगार जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में दल की युवा पीढ़ी को यह प्रेरणादायक भाषण दिया।

भारत ने पहला टेस्ट गंवाने के बाद शानदार वापसी की

उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में पहले टेस्ट में जीत की पोजीशन में होने के बावजूद अंतिम क्षणों की लड़खड़ाहट के चलते भारत को पराजय झेलनी पड़ी थी। लेकिन उसके बाद सभी चार टेस्ट मैचों में भारत ने प्रभावी जीत हासिल की। दिलचस्प तो यह रहा कि इस सीरीज का एक भी टेस्ट पांचवें दिन नहीं गया। पहले चारों मैच चार दिनों में निर्णीत हुए तो यहां अंतिम टेस्ट तीसरे ही दिन फरिया गया।

राहुल द्रविड़ ने ‘बीसीसीआई डॉट टीवी’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘इस तरह श्रृंखला को जीतना होता है और यह मुश्किल है। कभी कभार टेस्ट क्रिकेट मुश्किल होता है। यह आपके कौशल के मामले में, शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी मुश्किल होता है जैसा कि आपने देखा ही है।’

सीरीज में भारत के 5 खिलाड़ियों ने टेस्ट पदार्पण किया

खास बात तो यह रही कि विराट कोहली, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे अहम खिलाड़ी श्रृंखला के दौरान अन्यान्य कारणों से अनुपलब्ध रहे। जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा भी एक एक मैच में नहीं खेले। टीम को सीरीज में कुछ युवा खिलाड़ी मिले, जिन्होंने बखूबी जिम्मेदारी उठाते हुए शानदार खेल दिखाया। इस सीरीज में भारत के पांच खिलाड़ियों – रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडीक्कल, सरफराज खान और आकाश दीप ने पदार्पण किया।

युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से काफी खुश दिखे द्रविड़

भारतीय कोच युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा, ‘आप युवा खिलाड़ियों में ज्यादातर सभी को सफलता हासिल करने के लिए एक दूसरे की जरूरत होगी। भले ही आप बल्लेबाज हो या गेंदबाज, आपकी सफलता दूसरे खिलाड़ी की सफलता से जुड़ी होगी।’

द्रविड़ ने कहा, ‘आप सभी एक दूसरे की सफलता में भूमिका निभाओगे। आगे यह बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। यह सिर्फ आपकी सफलता के बारे में नहीं है बल्कि आप किस तरह अन्य खिलाड़ियों को सफलता हासिल करने में मदद करते हो क्योंकि बदले में वो भी आपकी सफलता में मदद करेंगे।’

 

पिछले कुछ वर्षों से भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में अहम किरदार निभा रहे 51 वर्षीय द्रविड़ इस बात से खुश थे कि जब भी खिलाड़ी दबाव में होते तो वे इससे निकलने के तरीके ढूंढते रहे। उन्होंने कहा, ‘श्रृंखला में ऐसा भी समय था, जब हमें कड़ी चुनौती मिली और हम पिछड़ गए, लेकिन हमने वापसी का तरीका ढूंढ लिया, जो हमारे कौशल को दिखाता है कि हमारे पास कितना लचीलापन है, हमारा जज्बा कैसा है। श्रृंखला में कई मौकों पर मैच का नतीजा किसी भी ओर जा सकता था। लेकिन ड्रेसिंग रूम में हमारे पास हमेशा ऐसे खिलाड़ी मौजूद रहे, जिन्होंने आगे बढ़कर मैच का रुख हमारी ओर कर दिया। यह शानदार था।’

‘टीम ने श्रृंखला के दौरान मिले मौकों का भी पूरा फायदा उठाया

पूर्व भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि टीम ने श्रृंखला के दौरान मिले मौकों का भी पूरा फायदा उठाया। उन्होंने कहा, ‘हमें सिर्फ पिछड़ने के बाद वापसी करके ही मैच नहीं जीतने होते बल्कि जब हम अच्छी स्थिति में हों तो भी प्रतिद्वंद्वी को वापसी का मौका नहीं देकर जीत हासिल करनी होती है।’

हमने सभी चुनौतियों से निबटते हुए शानदार जीत हासिल की

द्रविड़ ने कहा, ‘हमने श्रृंखला के शुरू में ही बात की थी कि भले ही हम इसे जीतें या हारें, लेकिन पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला से हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। आप इस दौरान काफी उतार चढ़ाव से गुजरोगे। यह बड़ी श्रृंखला थी तो आपकी परीक्षा होनी ही थी। और यह हमें बतौर खिलाड़ी और बतौर टीम काफी कुछ सिखाने वाली थी। पर हमने मैदान के अंदर और बाहर सभी चुनौतियों से निबटते हुए शानदार जीत हासिल की।’

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