पटना, 10 दिसम्बर। सरकारी सेवा से बर्खास्त शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने बिहार के राजनीतिक पंडितों के सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मंगलवार को तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में जीत हासिल कर ली। इस लड़ाई में सत्तारूढ़ एनडीए, राजद और हाल ही राजनीतिक दल के रूप में अस्तित्व में आई प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों के मुंह की खानी पड़ी।
एनडीए के जदयू प्रत्याशी अभिषेक झा चौथे स्थान पर खिसक गए
उल्लेखनीय है कि एक माह पहले ही एनडीए के दलों ने बिहार विधानसभा के उप चुनाव में सभी चारों सीटें जीती थीं। लेकिन तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर एनडीए को करारी हार का सामना करना पड़ा। एनडीए की तरफ से लड़े जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अभिषेक झा चौथे नंबर पर खिसक गए जबकि यह सीट उनकी ही पार्टी के सीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पिछले 22 वर्षों से लगातार जीत रहे थे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से भिड़ंत के बाद बर्खास्त हुए थे ब्रजवासी
पांच महीने पहले बिहार शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर सेवा से बर्खास्त किए गए नियोजित शिक्षकों के नेता वंशीधर ब्रजवासी ने 10,915 वोट के बड़े अंतर से जीत हासिल की। ब्रजवासी को 27,744 वोट मिले जबकि जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम को 16,829 मत।
फैसला पहली वरीयता के मतों की गिनती से नहीं हुआ तो दूसरी वरीयता के वोट भी गिनने पड़े। तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के समर्थित उम्मीदवार गोपी किशन 11,600 वोट के साथ तीसरे और जेडीयू के अभिषेक झा 10,316 वोट के साथ चौथे स्थान पर पिछड़ गए।
जन सुराज पार्टी के लोग अब ब्रजवासी को दे रहे जीत की बधाई
दिलचस्प यह रहा कि बंशीधर ब्रजवासी पहले जन सुराज पार्टी से जुड़े थे, लेकिन प्रशांत किशोर ने यहां मुजफ्फरपुर के डॉक्टर विनायक गौतम को कैंडिडेट बना दिया। खैर, तुनकमिजाज आईएएस अफसर केके पाठक से लड़ने और भिड़ने वाला आदमी कहां चुप बैठता। ब्रजवासी निर्दलीय ही मैदान में कूद गए। अब उनकी जीत के बाद जन सुराज से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करने लगे हैं और अपने कैंडिडेट की हार के बाद उन्हें ही जीत की बधाई दे रहे हैं।