नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। सरकारी विमानन कम्पनी एअर इंडिया का स्वामित्व 68 वर्षों बाद फिर टाटा संस समूह को वापस मिल गया है। देश के अग्रणी उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा के ग्रुप ने शुक्रवार को एअर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीत ली। टाटा संस ने एअर इंडिया के अधिग्रहण के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इस आशय की घोषणा के बाद खुद रतन टाटा ने एक ट्वीट करते हुए इसका स्वागत किया।
Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
15,300 करोड़ रुपये से कर्ज चुकाया जाएगा और 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे
निवेश और लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सचिव तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार की शाम राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस बोली के तहत 15,300 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के रूप में और 2,700 करोड़ रुपये नकद प्रदान किए जाएंगे।
तुहिन कांत ने यह भी बताया कि इस बोली के तहत एअर इंडिया और इसकी सहयोगी इकाई एअर इंडिया एक्सप्रेस की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी के अलावा एअर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं देने वाली कम्पनी एअर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी मिलेगी।
सरकार ने ₹18000 करोड़ के उद्यम मूल्य पर एयर इंडिया के विनिवेश के लिए मेसर्स टाटा संस के एसपीवी (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड) की विनिंग बिड को मंज़ूरी दी: @SecyDIPAM pic.twitter.com/c8nUNa54RM
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) October 8, 2021
उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अंतरमंत्रिय समूह की चार अक्टूबर को हुई बैठक में इस सौदे को मंजूरी दी गई।
दीपम सचिव ने यह भी जानकारी दी कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में एअर इंडिया के विनिवेश को वित्त वर्ष 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने बताया कि इस बारे में सभी प्रक्रियाओं का पूरी पारदर्शिता के साथ पालन किया गया।
टाटा सन्स एक वर्ष तक सभी कर्मचारियों को यथावत बनाए रखेगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल ने एअर इंडिया के कर्मचारियों के बारे में बताया कि टाटा संस एक वर्ष तक सभी कर्मचारियों को यथावत बनाए रखेगा जबकि दूसरे वर्ष में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जैसी योजनाओं का विकल्प दे सकता है।
एक साल तक किसी को हटाया नहीं जाएगा, यदि एक वर्ष के बाद उन्हें हटाया जाना है, तो उन्हें वीआरएस की पेशकश की जाएगी
कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा: सचिव, @MoCA_GoI pic.twitter.com/XQg3KWlwjb
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) October 8, 2021
सरकार ने 1953 में टाटा सन्स से एअर इंडिया का अधिग्रहण किया था
एअर इंडिया का राष्ट्रीयकरण होने से पहले इसका परिचालन टाटा समूह के पास ही था। 1932 में प्रसिद्ध उद्योगपति जहांगीर रतनजी दादाभॉय टाटा ने एअर इंडिया की स्थापना की थी। 1938 में एअर इंडिया ने यात्री सेवाओं का विस्तार करके अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया। 1953 में सरकार ने टाटा संस से एअर इंडिया का अधिग्रहण किया था। लेकिन बाद में लगातार बढ़ते घाटे के कारण सरकार ने इसका विनिवेश करने की योजना बनाई।