चेन्नै, 21 जनवरी। तमिलनाडु के हिन्दू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग मंत्री पीके शेखर बाबू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दावे को ‘गलत सूचना’ करार देते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं पर राम के नाम पर पूजा करने या तमिलनाडु के मंदिरों में दान-पुण्य पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। तमिलनाडु सरकार ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसी भी पूजा या अन्नधनम पर प्रतिबंध के आरोपों का खंडन किया है।
शेखर बाबू ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने एक्स अकाउंट पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने एक्स पर एक बयान भी साझा किया, जिसमें ‘झूठी सूचना’ के प्रसार की निंदा की गई और इसे सलेम में डीएमके सम्मेलन से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास बताया गया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके जैसे लोग जान बूझकर इस गलत जानकारी का प्रचार कर रहे हैं।
— P.K. Sekar Babu (@PKSekarbabu) January 21, 2024
हालांकि वित्त मंत्री ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और तमिलनाडु के मंत्री के एक्स थ्रेड का जवाब देते हुए कहा, ‘श्री शेखर बाबू, आपके ट्वीट के जवाब में, लोग डेटा/सबूत के साथ उदाहरण पेश कर रहे हैं। पूरे तमिलनाडु से लगातार आ रहीं ऐसी खबरों पर विराम लगाना आपका कर्तव्य है कि हिन्दुओं की पूजा पद्धतियों में लगातार व्यवधान पैदा किए जा रहे हैं।’
निर्मला ने इसी क्रम में एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘इसके अलावा, छोटे निजी मंदिरों की व्यवस्था में, पुलिस कर्मी अनावश्यक हमले कर रहे हैं। इसलिए हिन्दू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के प्रमुख के रूप में आपको हिन्दुओं के मौलिक अधिकार की सुरक्षा के लिए आगे आना चाहिए। यदि नहीं तो अपने अधिकारियों को तुरंत व्यवधान उत्पन्न करना बंद करने और भक्तों के साथ सहयोग करने का आदेश दें।’
तमिलनाडु सरकार ने भी पूजा या अन्नधनम पर प्रतिबंध के आरोपों से इनकार किया
इस बीच तमिलनाडु सरकार ने भी रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसी भी पूजा या अन्नधनम पर प्रतिबंध के आरोपों से इनकार किया। राज्य सरकार ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने एक अखबार की रिपोर्ट के हवाले से गलत जानकारी दी है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि गलत खबर प्रकाशित करने पर अखबार के खिलाफ कानूनी काररवाई की जाएगी। हालांकि, 22 जनवरी को होने वाले अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध के आरोपों पर राज्य सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में चुप्पी थी।
सीतारमण ने अपने एक्स अकाउंट पर एक तमिल अखबार की क्लिपिंग साझा की थी और आरोप लगाया था कि तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को होने वाले अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके की आलोचना की और तमिलनाडु सरकार की इस काररवाई को हिन्दू विरोधी और घृणित बताया।