चेन्नई, 16 अक्टूबर। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से सीएम स्टालिन ने राज्य में हिन्दी थोपने पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
सीएम स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘हिन्दी के अलावा अन्य भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या भारत में हिन्दी भाषी लोगों की तुलना में संख्यात्मक रूप से अधिक है। मुझे यकीन है कि आप इस बात की सराहना करेंगे कि हर भाषा की अपनी विशिष्टता और भाषाई संस्कृति के साथ अपनी विशेषता होती है।’
स्टालिन ने कहा, ‘केंद्र सरकार को तमिल सहित सभी भाषाओं को 8वीं अनुसूची में शामिल करना, वैज्ञानिक विकास और तकनीकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए और सभी भाषाओं को बढ़ावा देना और बोलने वालों के बराबर शिक्षा और रोजगार के मामले में प्रगति के खुले रास्ते रखना चाहिए।’
सीएम स्टालिन ने यह भी अनुरोध किया कि रिपोर्ट में अनुशंसित विभिन्न तरीकों से हिन्दी को थोपने के प्रयासों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य में हिन्दी थोपी गई तो पार्टी दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली केंद्रीय एक संसदीय पैनल ने हाल ही में सिफारिश की है कि हिन्दी भाषी राज्यों में तकनीकी और गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों जैसे आईआईटी में शिक्षा का माध्यम हिन्दी और देश के अन्य हिस्सों में संबंधित क्षेत्रीय भाषाएं होनी चाहिए। पैनल ने यह भी सिफारिश की कि हिन्दी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए।