Site icon hindi.revoi.in

पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारत-चीन के बीच 12 घंटे तक चली वार्ता

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

नई दिल्ली, 12 मार्च। पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को समाप्त करने के मुद्दे पर भारत और चीन के अधिकारियों ने 12 घंटे से अधिक समय तक वार्ता की है। रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को यूनीवार्ता को बताया कि पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को समाप्त करने के मुद्दे पर दोनों देशों के अधिकारियों ने शुक्रवार को 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की बातचीत 15वें दौर की यह वार्ता भारतीय सीमा में स्थित चुशुल मोल्दो हुयी।

यह वार्ता शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे शुरू हुयी और लगभग रात 11.00 बजे तक संपन्न हुयी। इस दौरान भारत ने गोगरा हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट 15 पर टकराव को कम करने के लिए दबाव डाला और इसके बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने का मुद्दा उठाया। उल्लेखनीय है कि स्थापित मानदंडों के अनुसार, मीडिया को औपचारिक बयान जारी करने से पहले रक्षा, सुरक्षा और विदेशी मामलों के अधिकारियों के बीच वार्ता के परिणाम पर चर्चा की जाती है।

इससे पहले दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों देशों के बीच 14 दौर की वार्ता के बाद, पूर्वी लद्दाख में जिन क्षेत्रों का समाधान होना बाकी था, वे पीपी15, डेमचोक और देपसांग है, जहां चीनी सैनिक अभी भी अड़े हुए हैं।
रक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों द्वारा पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए हालिया बयान उत्साहजनक और सकारात्मक रहे हैं।

भारत-चीन के बीच 15वें दौर की वार्ता थोड़ी बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में हुयी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन को क्षेत्रीय विवादों को द्विपक्षीय सहयोग के समग्र हितों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। मौजूदा समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर 50,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती हैं। मई 2020 की स्थिति को बदलते हुए, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में सैनिकों के लंबे समय तक रहने के लिए एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी किया।

Exit mobile version