काबुल, 4 सितम्बर। इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान ने पंजशीर घाटी पर भी अब कब्जे का दावा किया है। तालिबान के सूत्रों के हवाले से एक समाचार एजेंसी ने इस आशय की जानकारी दी। इसी के साथ अब पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा हो गया है। अब तक पंजशीर, अफगानिस्तान का ऐसा इलाका था, जहां पर तालिबान का कब्जा नहीं हो पाया था। बता दें कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की खबर ऐसे समय में आई है, जब शनिवार को अफगानिस्तान में तालिबान अपनी हुकूमत का आधिकारिक एलान करने वाला है।
तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा अब शनिवार को की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं। सरकार के गठन से संबंधी घोषणा शुक्रवार को की जानी थी लेकिन तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को एक दिन के लिए टाल दिया गया है।
बता दें कि पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से केवल एक ऐसा प्रांत था जो उसके नियंत्रण में नहीं था। पंजशीर घाटी को नार्दन अलॉयंस का गढ़ कहा जाता है। पंजशीर हमेशा तालिबान को चुनौती पेश करता है। पंजशीर प्रांत काबुल के उत्तर-पश्चिम में उतरा एक पहाड़ी घाटी है जिसे शेरों की भूमि के रूप में जाना जाता है। भूगोल अब सैकड़ों अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों, विशेष बलों और मिलिशिया का घर है, जिसका नेतृत्व मारे गए अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद करते आ रहे हैं।
तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है। तालिबान के सूचना एवं सांस्कृतिक आयोग में वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, “ नई सरकार पर सलाह-मशविरा करीब-करीब पूरा हो चुका है और कैबिनेट को लेकर भी जरूरी चर्चा कर ली गई है।