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स्वाति मालीवाल का दावा – ट्विटर पर 20-30 रुपये में बेचे जा रहे बच्चियों के अश्लील वीडियो

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नई दिल्ली, 20 सितम्बर। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की कुछ छात्राओं के आपत्तिजनक एमएमएस वायरल होने के बाद उठे बवंडर के बीच दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया साइट और ट्विटर पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर ट्विटर इंडिया को समन भेजा है।

स्वाति मालीवाल ने इस क्रम में दावा किया है कि दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक ट्विटर बच्चों के अश्लील पॉर्न वीडियो बेचने का माध्यम बन गया है। बच्चियों के बलात्कार के वीडियो की ट्विटर पर भरमार है। 20-30 रुपये में बच्चियों के अश्लील वीडियो बेचे जा रहे हैं।

ट्विटर इंडिया के हेड को समन भेजकर मांगा जवाब

स्वाति ने कहा कि ट्विटर इंडिया के हेड को समन किया है कि वह दिल्ली महिला आयोग के ऑफिस आकर इसका जवाब दें। उन्होंने ट्विट इंडिया से यह भी पूछा है कि क्या वह केवल अमेरिका के कानून का ही पालन करता है। इस मामले को लेकर आयोग द्वारा दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के डीसीपी को भी समन जारी किया गया है।

ट्विटर पर चल रहा – 20 रुपये में वीडियो ले जाओ

स्वाति मालीवाल ने कहा कि आयोग ने जांच शुरू कर दी है। 20 रुपये में वीडियो ले जाओ, ऐसा ट्विटर पर चल रहा है। इसका पूरा रैकेट चल रहा है। स्कूल गर्ल के वीडियो, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, यह कई महीनों या सालों से चल रहा है।

…हिन्दुस्तान में आंखें मूंद लेते हैं’

मालीवाल ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार के वीडियो हजारों लोग शेयर कर रहे हैं। खुफिया कैमरे से महिलाओं की नहाते हुए वीडियो डाले जा रहे है। ये कम्पनी वाले विदेश में कानूनों का पालन करते हैं, हिन्दुस्तान में महिलाओं के साथ अश्लीलता और बलात्कार पर आंखें मूंद लेते हैं।’

उन्होंने यह भी लिखा,  ‘दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में से एक Twitter बच्चों की अश्लील पॉर्न वीडियो बेचने का माध्यम बन गया है। छोटी बच्चियों के बलात्कार की वीडियो का ट्विटर पर भरमार लगा हुआ है। 20-30 रुपये में बच्चियों के अश्लील वीडियो बेची जा रही है।’

26 सितम्बर तक जवाब नहीं दिया तो जारी करेंगे अरेस्ट वारंट

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा, ’26 सितम्बर तक ट्विटर इंडिया पॉलिसी हेड को समन किया है। इसका एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को इस मामले पर तुरंत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। अगर हमारे समन पर जवाब नहीं आया तो हम अरेस्ट वारंट भी जारी कर सकते हैं, इसका अधिकार दिल्ली महिला आयोग के पास है।’

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