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रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश यादव नाराज, पार्टी ने भी झाड़ा पल्ला

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लखनऊ, 24 जनवरी। रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य को कहीं ठौर-ठिकाना नहीं मिल रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा तो मौर्य पर हमलावर है ही, खुद उनकी ही पार्टी सपा ने भी किनारा कर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौर्य से नाराज बताए जाते हैं। हालांकि अखिलेश ने अब तक इस प्रकरण पर मौन साध रखा है।

फिलहाल स्वामी प्रसाद के बहाने भाजपा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को घेरना शुरू किया है और उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। इधर, सपा नेता रविदास मेहरोत्रा स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को उनका निजी बयान बताया है।

अखिल भारत हिन्दू महासभा ने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर देकर एफआइआर दर्ज करने की मांग की। यही नहीं, एसीपी चौक को प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी मंदिर की ओर से भी पूर्व मंत्री के खिलाफ तहरीर दी गई है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी का आरोप है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देकर भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। पूर्व मंत्री ने बयान देकर धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया है।

राष्ट्रीय संत सुरक्षा समिति एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताकर अपनी मानसिक विक्रति को जग जाहिर किया है। यह केवल रामचरितमानस का अपमान ही नहीं करोड़ों हिन्दुओं का एवं सनातन धर्म का अपमान है। सरकार इनको तुरंत जेल भेजे। ऐसा न होने पर संत समाज प्रदर्शन कर धरने पर बैठेगा।

हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने भी बयान को समाज विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद को ज्ञान नहीं है कि श्रीराम चरित मानस सनातन संस्कृति का आईना है, जिसका सम्मान हजारों साल से हो रहा है। हिन्दू जागरण मंच ने भी सपा नेता के बयान की निंदा की है।