कासगंज, 10 जनवरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है। अपने नए राग में उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर तत्कालीन यूपी सरकार द्वारा गोलियां चलवाने का बचाव करते हुए उन कारसेवकों को अराजक तत्व करार दिया है और उनका कहना है कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार नें अमन चैन कायम रखने के लिए अराजक तत्वों पर उस समय गोलियां चलवाई थीं। सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने यहां कासगंज जनपद के गुंजडुंडवारा में बौद्ध एकता समिति द्वारा आयोजित बौद्ध जन जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश पर हो रहा है, न कि भाजपा सरकार आदेश पर। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का लाभ उठाना चाहती है।’
‘राम मंदिर के जरिए असल मुद्दों से ध्यान भटका रही भाजपा’
स्वामी प्रसाद ने इसके साथ ही केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि शिक्षा का निजीकरण हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है, महंगाई अपनी पूरी चरम सीमा पर है, लेकिन सरकार राम मंदिर के जरिये लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है।
मौर्य ने कहा, ‘संविधान बराबरी की आजादी देता है। संविधान के मुताबिक समाज से छुआछूत और भेदभाव की भावना खत्म होनी चाहिए। महिलाओं की शिक्षा पर भी समाज को ध्यान देना चाहिए। महिलाओं की शिक्षा के बगैर कोई भी समाज और देश तरक्की नहीं कर सकता।’
केंद्र सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही, जो बहुजन समाज के हित में नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रमाता फातिमा शेख ने राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का बहुत साथ दिया और जब सावित्रीबाई फुले को स्कूल की जगह की जरूरत पड़ी तो फातिमा शेख ने स्कूल खोलने के लिए अपने घर में जगह दी। आज की केंद्र सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रही है, जो बहुजन समाज के हित में नहीं है।