लखनऊ,11 जनवरी। उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम, रोजगार और समन्वय मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंगलवार को आनन-फानन में सत्तारूढ़ भाजपा को करारा आघात पहुंचाया। इस क्रम में उन्होंने न सिर्फ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया वरन भाजपा भी छोड़ने का एलान कर दिया और भाजपा सरकार पर खुलकर हमला करते हुए कहा कि बिना सम्मान के उनका पार्टी में रहना मुश्किल हो रहा था।
‘एकाध दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराऊंगा’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने आवास पर मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है।’
माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ पटियाली, कासगंज से विधायक ममतेश शाक्य, विधूना औरैया से विनय शाक्य, नीरज मौर्य व शेखूपुर बदायूं से धर्मेंद्र शाक्य सहित छह से सात और मौजूदा विधायक समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं।
‘किसान, दलित और नौजवानों के साथ हो रहा व्यवहार बर्दाश्त नहीं’
पडरौना से विधायक स्वामी प्रसाद ने कहा, ‘प्रदेश में किसान, दलित और नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के भाजपा में नहीं रह सकता था। मैंने इस्तीफे से पहले डिप्टी सीएम से बात की।’
स्वामी प्रसाद ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि राजभवन के सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की। लेकिन स्वामी प्रसाद के त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर बाद तेजी से वायरल होने लगी।
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’