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स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- योगी साधु-संतों पर FIR और मोहन भागवत के ख‍िलाफ रासुका और मुकदमा दर्ज कराएं

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लखनऊ, 8 फरवरी। रामचरितमानस को लेकर राजनीतिक वितंडा खड़े करने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उन साधु संतों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की चुनौती दी है जिन्होंने उनकी जीभ, नाक, सर और गला काटने के लिए ईनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि योगी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ रासुका लगाना और मुकदमा दर्ज कराना चाहिए।

रामचरितमानस को लेकर उठे विवाद के बाद आरएसएस प्रमुख ने रविवार को मुंबई में कहा था कि ऊंच-नीच की श्रेणी भगवान ने नहीं, पंडितों ने बनाई। स्वामी प्रसाद ने कहा कि ‘मैंने तो सिर्फ रामचरिमानस की कुछ पंक्तियों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी। मैंने तो यह बात सांविधानिक दायरे में रह कर की थी। मेरे खिलाफ एफआइआर इसलिए दर्ज करायी गई क्योंकि मैं पिछड़ा हूं जबकि मेरे अंग काटने की सुपारी देने वाले साधु संतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा था क‍ि मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं। आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई। तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं।

इतना ही नहीं स्‍वामी प्रासद ने यह भी कहा था क‍ि यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।

स्वामी प्रसाद ने ट्वीट कर यह भी कहा था क‍ि जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।