रायपुर, 30 अक्टूबर। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ईसा मसीह को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि ईसा मसीह हिन्दू थे और अपने कथन को साबित करने के लिए उन्होंने इसका सबूत भी दिया है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ईसा मसीह पूरे 10 वर्षों तक भारत में रहे थे।
10 वर्षों तक भारत में रहे थे ईसा मसीह
रायपुर के शंकराचार्य आश्रम पहुंचे स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दावा करते हुए कहा है कि ईसा मसीह एक हिन्दू थे। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए यह भी दलील दी है कि उनकी विदेश में वैष्णव तिलक लगाई हुई प्रतिमा इस बात का सबूत है।
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि ईसा मसीह 10 वर्षों तक भारत में भी रहे थे। इस क्रम में वह तीन वर्षों तक ओडिशा के पुरी में थे और पुरी के शंकराचार्य के संपर्क में भी थे। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की मानें तो ईसा मसीह वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी थे।
अविमुक्तेश्वरानंद के धर्माचार्य या शंकराचार्य होने का क्या सबूत
अविमुक्तेश्वरानंद के बारे में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि वह धर्माचार्य या शंकराचार्य हैं, इसका क्या सबूत है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा है कि इस बात का प्रमाण पत्र किसने दिया है? उन्होंने कहा कि जो धर्म को सही से जानता है, वह इसका पालन करता है।
नेताओं के चलते सनातनी हिन्दू आपस में लड़ रहे
स्वामी निश्चलानंद ने सनातनी हिन्दुओं के बारे में भी बात की और कहा कि सवर्ण, एससी-एसटी जैसे शब्द राजनेताओं ने दिए हैं। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या शब्द व्यवस्था सनातन धर्म की देन हैं? उनके अनुसार, इसी व्यवस्था के कारण सनातनी हिन्दू आपस में लड़ते हैं और इसका फायदा राजनेताओं को होता है। उन्होंने लोंगों से इन राजनेताओं के बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए हिन्दू राष्ट्र भी बनाने की बात कही।