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सुवेंदु अधिकारी और वृंदा करात को संदेशखाली जाने से रोका, बीच सड़क धरने पर बैठे भाजपा नेता, राज्यपाल ने की यह अपील

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कोलकाता, 20 फरवरी। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। सत्तापक्ष और विपक्ष इस मामले में लगातार एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी हिंसाग्रस्त इलाके के लिए रवाना हुए। उनके साथ पार्टी के अन्य पांच नेता भी शामिल हैं। इन सब के बीच बताया जा रहा है कि भाजपा नेता और पार्टी के अन्य विधायकों को पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोक दिया है। इसके विरोध में सुवेंदु ने वहीं पर धरना शुरू कर दिया है। बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कल उन्हें संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी।

बात दें कि संदेशखाली के लिए रवाना होने से पहले सुवेंदु ने मीडिया से बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि कल सुनवाई पूरे दिन चली। सभी सुझावों पर चर्चा की गई। कोर्ट के आदेश के बाद हम वहां से निकल गए। उम्मीद है कि हमें अब तीसरी बार कोर्ट न जाना पड़े। एक-दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझे कॉल किया और मुझे 11 बजे के बाद संदेशखाली में आने के लिए कहा है।

सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात को भी पुलिस ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली जाने से रोक दिया। इस दौरान करात ने कहा कि उन्हें एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि संदेशखाली में उनकी मौजूदगी से वहां शांति भंग हो जाएगी। उन्होंने धमाखली में संवाददाताओं से कहा कि शांति का माहौल तब बिगड़ा, जब महिलाओं को स्थानीय टीएमसी कार्यालयों में बुलाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया, अब यह न्याय की लड़ाई है।

संदेशखाली हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सभी राजनीतिक दलों और लोगों से एकजुट होने को कहा है। उन्होंने पीड़ित महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उत्तर-24 के संदेशखाली में शांति यात्रा आयोजित करने की अपील की है।

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