नई दिल्ली, 8 दिसम्बर। विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार संसद में लोकतंत्र की हत्या कर रही है और गलत तरीके से सदस्यों का निलम्बन किया गया है इसलिए विपक्ष एकजुट है और विपक्ष के सभी निलम्बित 12 सदस्य माफी नहीं मांगेंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि संसद सदस्यों का निलम्बन नियम के विरुद्ध तथा संविधान के खिलाफ है और इस बारे में एक सप्ताह से लगातार राज्यसभा के सभापति से वापस लेने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। उनका कहना था कि सभापति से बराबर मिल रहे हैं और सदन में भी बात उठा रहे हैं लेकिन वह सुन नहीं रहे हैं और अड़े हुए हैं तथा निलंबन वापस नहीं ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निलम्बन में जो बातें कही गई है वैसा कुछ हुआ ही नहीं है लेकिन जबरन आरोप लगाए जा रहे हैं। सदस्यों का निलम्बित गलत है और सरकार को सदन चलाना चाहिए और विपक्ष इसमें सरकार की मदद करेगा लेकिन पहले सरकार केा निलम्बन वापस लेना होगा। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष के सभी सदस्य निलम्बित सदस्यों के साथ धरना स्थल पर बैठेंगे।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि निलम्बित सदस्यों की सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार को अपने रवैये में बदलाव लाना चाहिए। द्रमुक के त्रिची शिवा ने कहा कि सदस्यों का निलम्बन वापस लिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि सदस्यों का निलम्बन पहले सत्र की घटना के आधार पर लिया गया है।
विपक्ष लगातार सभापति से निलम्बन वापस लेने का काम कर रहे हैं लेकिन सरकार के मंत्री कहते हैं कि निलम्बित सदस्य माफी मांगे। उनका कहना था कि जब गलत ही नहीं किया है तो माफी किस बात की मांगी जानी चाहिए। टीवी पर विपक्ष को नहीं दिखाया जाता है और सरकार पूरी तरह से संसद में मनमानी कर रही है।
शिव सेना के संजय राउत ने कहा कि विपक्ष सदस्यों के निलम्बन पर एक है। विपक्ष न डरेगा, न झुकेगा और माफी मांगने का तो सवाल ही नहीं उठता। उनका कहना था कि जो बातें हुई ही नहीं है उसको लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है लेकिन विपक्ष की एकता टूटने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्यों को गैरकानूनी तरीके से निलम्बित किया है इसलिए सरकार को अब पूरे विपक्ष के सदस्यों को निलम्बित करें।
एनसीपी की वंदना चौहान ने कहा कि सदन में किसी की भी नहीं सुनी जा रही है और लोकतंत्र की संसद में हत्या हो रही है। उन्होंने कहा कि सदन को मनमाने तरीके से चलाया जा रहा है।