नई दिल्ली, 4 सितम्बर। पिछले माह एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के सुर्खियों में आए आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में स्वास्थ्य विभाग की ओर से निलंबित किए जा चुके संदीप घोष ने 27 अगस्त को याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में छह सितम्बर को सुनवाई होनी है। हालांकि, सुनवाई से पहले उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने बीते सोमवार, दो सितम्बर को गिरफ्तार कर लिया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने यह याचिका लिस्ट की गई है और छह सितम्बर को सुनवाई हो सकती है।
दरअसल, संदीप घोष की गिरफ्तारी गत नौ अगस्त को अस्पताल में 31 वर्षीया डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की दर्दनाक वारदात के बाद सामने आए कथित कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में हुई है। ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले में पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिससे पश्चिम बंगाल की ममता सरकार बैकफुट पर है।
निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना ही जांच सीबीआई को सौंप दी गई
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में संदीप घोष ने तर्क दिया कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 23 अगस्त को उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना ही जांच को सीबीआई को सौंप दिया था, जिससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ। उन्होंने तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने उन्हें सुनवाई से गलत तरीके से बाहर रखा, यह कहते हुए कि वह मूल रिट याचिका में न तो आवश्यक और न ही उचित पक्ष थे।
घोष ने कहा है कि जांच को ट्रांसफर करने से पहले अदालत को उनके पक्ष पर विचार करना चाहिए था क्योंकि परिणाम सीधे उनके अधिकारों को प्रभावित करता है। घोष ने कथित वित्तीय अनियमितताओं को बलात्कार और हत्या की आपराधिक जांच से जोड़ने के हाई कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी। दोनों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों मामले अलग-अलग थे और अदालत ने वित्तीय जांच को सीबीआई को सौंपकर गलती की क्योंकि एजेंसी पहले से ही आपराधिक मामले की जांच कर रही थी।
6 सितम्बर को होनी है संजय घोष की याचिका पर सुनवाई
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और जस्टिस जेबी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की सदस्यता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा छह सितम्बर को घोष की याचिका पर सुनवाई किए जाने की उम्मीद है। यही बेंच डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में स्वत: संज्ञान कार्यवाही की देखरेख भी कर रही है और संबंधित जांच की निगरानी कर रही है।
सीबीआई दो सितम्बर को घोष को गिरफ्तार कर चुकी है
इससे पहले, सीबीआई ने बीते सोमवार को संदीप घोष से लगातार 15वें दिन पूछताछ की और फिर उन्हें कोलकाता में एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उल्लंघन के आरोप हैं। घोष के साथ ही तीन अन्य लोगों को भी इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। घोष पर कई तरह के अपराधों का आरोप हैं, जिनमें रिसर्च के लिए अवैध रूप से शवों का इस्तेमाल, बायोमेडिकल कचरे की अनधिकृत बिक्री और कई वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं।