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हत्यारोपित सुशील कुमार की नौकरी छिनी, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान के अवॉर्ड भी दांव पर

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नई दिल्ली, 25 मई। कुछ दिनों पहले तक भारतीय कुश्ती के पर्याय माने जाने वाले दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहवलवान सुशील कुमार हत्या के एक मामले में ऐसे फंसे कि एक ही झटके में पद व प्रतिष्ठा सब कुछ छिन गया। इस क्रम में नियोक्ता भारतीय रेलवे ने मंगलवार को उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया और अब पद्म पुरस्कार भी दांव पर लगा है।

गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में एक प्रापर्टी विवाद को लेकर दो गुटों के बीच संघर्ष में एक युवा पहलवान सागर धनखड़ की मौत हो गई थी। सागर की हत्या का आरोप सुशील व उनके कुछ अन्य साथियों पर लगा था। एफआईआर दर्ज होने के बाद सुशील 18 दिनों तक पुलिस से बचकर भागते रहे।

लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत रविवार 23 मई को उन्हें साथी समेत गिरफ्तार कर लिया था। सुशील पिछले छह दिनों से पुलिस रिमांड पर हैं और उनसे पूछताछ में कई राज सामने आए हैं। यह भी पता चला है कि सुशील को खुद काला जेठड़ी नाम के कुख्यात गैंगस्टर से जान का खतरा है।

हत्याकांड में सुशील का नाम आते ही उनके खिलाफ रोष का वातावरण बन गया था। उनकी गिरफ्तार के बाद नौकरी पर भी खतरा जताया जाने लगा था। अंततः मंगलवार को भारतीय रेलवे ने भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) से सुशील को सस्पेंड कर दिया। रेलवे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इस आशय की जानकारी दी।

अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सुशील को 2011 में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया पद्मश्री सम्मान भी वापस लिया जा सकता है। हालांकि इस अवॉर्ड को वापस लिए करने का कोई स्पष्ट नियम नहीं है, लेकिन इससे पहले कोई भी पद्म अवॉर्ड धारक इतने भयानक अपराध में गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। फिलहाल सरकार की ओर से इस मामले में थोड़ा संयम अपनाए जाने की बात लग रही है। इसलिए ऐसा लगता नहीं कि हत्यारोपित पहलवान से पद्मश्री वापस लेने पर कोई फैसला जल्द हो सकता है।

इस बीच सागर धनखड़ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है। पुलिस सूत्रों के सागर की मौत सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार के कारण हुई है। किसी लोहे की रॉड या लकड़ी के डंडे से बहुत तेजी से मारे जाने से सागर के सिर पर गंभीर चोट थी। सिर फटने से काफी मात्रा में खून बह गया। अस्पताल पहुंचने तक हालत बिगड़ चुकी थी। सागर के शरीर में कई जगह चोट के निशान भी पाए गए हैं। तफ्तीश में सामने आया था कि सागर की फावड़े के हत्थे से पिटाई की गई थी। दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की गई थी।

ज्ञातव्य है कि 37 वर्षीय सुशील कुमार देश के इकलौते अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं, जिन्हें ओलंपिक के कुश्ती मुकाबलों में दो पदक जीतने का गौरव प्राप्त है। वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के चार वर्षों बाद लंदन (2012) में उन्होंने रजत पदक जीता था। राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीत चुके सुशील को भारत में खेलों के सर्वोच्च सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड व अर्जुन अवार्ड (2005) के अलावा 2011 में पद्म श्री से अलंकृत किया गया था।