मुंबई, 24 अक्टूबर। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले अपनी राजनीतिक विरासत बेटी प्रणीति शिंदे को सौंपते हुए खुद चुनावी राजनीति से बाहर निकलने की घोषणा कर दी। उन्होंने एलान किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में बेटी प्रणीति उनकी जगह लेगी।
सोलापुर सिटी सेंट्रल से तीन बार की विधायक प्रणीति
83 वर्षीय अनुभवी राजनेता ने कहा, ‘मैं सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं कि प्रणीति ताई (शिंदे) लोकसभा चुनाव (सोलापुर लोकसभा क्षेत्र) से लड़ेंगी। मैं एक सेवानिवृत्त व्यक्ति की तरह हूं और जहां भी आवश्यक हो, मदद करने की कोशिश कर रहा हूं।’ गौरतलब है कि 42 वर्षीया प्रणीति शिंदे सोलापुर सिटी सेंट्रल से तीन बार की विधायक हैं।
2014 व 2019 के लोकसभा चुनावों में शिंदे को पराजय झेलनी पड़ी थी
दरअसल, सुशील शिंदे ने 2014 के चुनावों के बाद अपनी बेटी के लिए रास्ता बनाने की योजना की घोषणा की थी और प्रचार के दौरान मतदाताओं से कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है। वह 2014 की मोदी लहर में सोलापुर सीट हार गए। हालांकि 2019 में उन्होंने एक और मौका लिया। लेकिन त्रिकोणीय लड़ाई में वह भारतीय जनता पार्टी के जयसिधेश्वर स्वामी से फिर हार गए।
शिंदे सत्तर के दशक की शुरुआत में राजनीति में शामिल हुए थे। वह सोलापुर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे और जनवरी, 2003 और नवंबर, 2004 के दौरान थोड़े समय के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे। पद छोड़ते ही उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वह 2006 तक इस पद पर बने रहे।
उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वह मनमोहन सिंह सरकार में देश के ऊर्जा मंत्री थे और बाद में 26/11 के मुंबई हमलों के बाद गृह मंत्री बनाए गए। पी चिदंबरम के वित्त मंत्रालय में वापस चले जाने के बाद 2012 में उन्हें गृह मंत्रालय सौंपा गया था।