वाराणसी, 6 जनवरी। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का आग्रह स्वीकार कर लिया और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से संबंधित एएसआई की सीलबंद सर्वे रिपोर्ट को चार हफ्ते यानी 24 जनवरी तक सार्वजनिक न करने का फैसला किया। एएसआई टीम ने चार सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की कोर्ट से अपील की थी। अब इस मामले में 24 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि एएसआई ने जिला जज की अदालत में आवेदन देकर कहा था कि चार सप्ताह तक सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए क्योंकि इलाहबाद हाई कोर्ट ने वर्ष 1991 के लंबित वाद लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। ऐसे में द्वितीय प्रति तैयार करने में समय लगेगा। इसलिए समय दिया जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए।
एएसआई ने जिला जज की अदालत में दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की है। रिपोर्ट की मांग हिन्दू के साथ ही मुस्लिम पक्ष ने भी की है। हिन्दू पक्ष ने रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया था। मुस्लिम पक्ष ने पहले आपत्ति जताई थी, फिर ईमेल आईडी देकर रिपोर्ट मांगी है।
सर्वे रिपोर्ट लीक न हो, मीडिया कवरेज पर लगे रोक
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज की अदालत में आपत्ति भी दाखिल की है। कमेटी ने अनुरोध किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी। मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।