वाराणसी, 7 मई। अदालती आदेश पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर का कराया जा रहा सर्वे मुस्लिम पक्षकारों के विरोध के चलते लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी पूरा नहीं हो सका। कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र की सर्वे करने वाली टीम के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें मस्जिद परिसर के अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है।
अब हिन्दू पक्षकार कोर्ट में करेंगे अपील
इस बीच मस्जिद का सर्वे रोके जाने को लेकर हिन्दू पक्ष के वकील ने मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही है। उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कार्यवाही शुरू होने के बाद बैरेकेडिंग के अंदर से कई मुस्लिम आ गए और प्रशासन ने सहयोग नहीं दिया, इसीलिए सर्वे का काम दूसरे दिन भी रोकना पड़ा। अब इस मामले को एक बार फिर कोर्ट के सामने रखा जा सकता है।
मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
इसके पूर्व शनिवार को दिन में ही मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि निष्पक्ष जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर को बदला जाना चाहिए।
मुश्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव कोर्ट में कहा कि अजय कुमार मिश्र को हटाकर कोर्ट खुद उनकी जगह किसी दूसरे सीनियर वकील को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करे। मामले पर कोर्ट ने सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया। अब नौ मई को अगली सुनवाई होगी।
देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह और अन्य ने अगस्त, 2021 में स्थानीय अदालत में एक वाद दायर कर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।
कोर्ट कमिनश्नर अजय मिश्र ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था। सर्वे का कार्य शुक्रवार को अधूरा रहने के कारण आज भी नियत समय अपराह्न तीन बजे श्री काशी विश्वनाथ धाम में पहुंची, लेकिन ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा नहीं कर सकी।