नई दिल्ली, 20 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के वीडियो की गुरुवार को निंदा की और कहा कि ये दृश्य घोर संवैधानिक विफलता की ओर इशारा करते हैं। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से काररवाई करने और क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अदालत को अवगत कराने को कहा। उन्होंने साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने काररवाई नहीं की तो शीर्ष अदालत 28 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम कल वितरित किए गए वीडियो से बहुत परेशान हैं। हम अपनी गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार कदम उठाए और काररवाई करे। यह अस्वीकार्य है। हमारा विचार है कि अदालत को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया जाना चाहिए ताकि अपराधियों पर ऐसी हिंसा के लिए मामला दर्ज किया जा सके। मीडिया में जो दिखाया गया है और जो दृश्य सामने आए हैं, वे घोर संवैधानिक उल्लंघन को दर्शाते हैं।’
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उल्लेखनीय है कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद मणिपुर में तनाव काफी बढ़ गया है। वीडियो में दिख रहा है कि अन्य पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में गत तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। तब से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।