नई दिल्ली, 10 मई। महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है। इसकी वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को तत्कालीन शिवसेना से बगावत करने के बाद दायर हुए अयोग्यता के मामले में गुरुवार को अपना बहुप्रतिक्षित फैसला सुनाएगा। सीएम शिंदे समेत तत्कालीन शिवसेना से 16 विधायकों ने बगावत से महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी और गठबंधन की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सीजेआई के नेतृत्व में 5 सदस्यीय बेंच ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पांच जजों की बेंच ने की थी और 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन चूंकि जस्टिस शाह 15 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इसलिए यह तय था कि सुप्रीम कोर्ट उनकी विदाई से पहले मामले में फैसला दे देगा।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में 29 जून, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे को फ्लोर टेस्ट देने के तत्कालीन राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस कारण से ठाकरे ने पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना ली थी।
उद्धव ठाकरे की ओर से दायर किए गए केस की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, देवदत्त कामत और अमित आनंद तिवारी ने की। वहीं सीएम शिंदे के पक्ष से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अभिकल्प प्रताप सिंह ने दलील पेश की है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में महाराष्ट्र राज्यपाल के दफ्तर की ओर से पेश हुए थे। मामले की सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई थी। अदालत के समक्ष मामले में बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही पर विधानसभा अध्यक्ष की शक्ति और शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले पर सुनवाई हुई थी।
शीर्ष अदालत ने हालांकि इस वर्ष 22 फरवरी को उद्धव ठाकरे द्वारा शिंदे गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘धनुष और तीर’ चिह्न आवंटित करने के चुनाव आयोग के 17 फरवरी के आदेश पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
संजय राउत बोले – कोर्ट में यह फैसला होगा कि देश संविधान से चलता है कि नहीं
इस बीच शीर्ष कोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने से पहले ही महाराष्ट्र की सियासत का पारा काफी गर्म हो गया है। ठाकरे गुट की ओर से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि गुरुवार को कोर्ट में इस बात का फैसला होना है कि ये देश संविधान से चलता है कि नहीं। देश में लोकतंत्र जीवित है कि नहीं। शिवसेना (यूबूटी) मानती है कि यह देश संविधान से चलता है और जो देश संविधान से नहीं चलता है तो उसका हाल पाकिस्तान जैसा हो जाता है।
फैसले से इतर शिंदे सरकार पूर्ण बहुमत में – विधानसभा अध्यक्ष नारवेकर
राउत के इस बयान के उलट महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने कहा कि शिंदे सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, सुप्रीम कोर्ट में कल चाहे, जो फैसला आए। संख्या बल के हिसाब से देखें तो सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और कोई परेशानी की बात नहीं है।