नई दिल्ली, 20 मई। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को जिला न्यायाधीश, वाराणसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि यूपी न्यायिक सेवाओं के वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी मामले की सुनवाई करेंगे। यानी अब वाराणसी के जिला जज पूरे मामले की सुनवाई करेंगे।
17 मई का अंतरिम आदेश आठ हफ्तों तक जारी रहेगा
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा गत 17 मई का अंतरिम आदेश आठ हफ्तों तक जारी रहेगा। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को मस्जिद में वजू करने की व्यवस्था करने के साथ शिवलिंग को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अदालत की गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई को अब इस मामले की सुनवाई होगी। सर्वे रिपोर्ट मीडिया में लीक करने होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ” रिपोर्ट कोर्ट जानी चाहिए थी, तथ्य मीडिया में लीक नहीं होने चाहिए थे।
हिन्दू पक्ष के वकीस विष्णु जैन ने फैसले पर जताई खुशी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा, ‘इस मामले की सुनवाई जिला जज वाराणसी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 17 मई का उसका अंतरिम आदेश जारी रहेगा। वजू की व्यवस्था की जाएगी। हम आदेश से बहुत खुश हैं।’
दरअसल, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया कि इस प्रकरण की सुनवाई वाराणसी में जिला न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। देश की शीर्ष अदालत ने कहा, ‘थोड़ा अधिक अनुभवी और परिपक्व हाथ को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए। हालांकि हम ट्रायल जज पर आक्षेप नहीं कर रहे हैं। लेकिन अधिक अनुभवी हाथ को इस मामले से निबटाना चाहिए और इससे सभी पक्षों को फायदा होगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ मस्जिद की व्यवस्था देखने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान ये सुझाव दिए, जिसमें धार्मिक नगरी काशी के विश्व प्रसिद्ध श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने मुख्य रूप से दोनों पक्षों को कुछ सुझाव दिए
शीर्ष अदालत ने मुख्य रूप से दोनों पक्षों को कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें पहला सुझाव जिला कोर्ट के द्वारा मामले की सुनवाई को पूरी करने देने का है। दूसरा सुझाव है कि इस मामले में एक अंतरिम आदेश पारित किया जाना चाहिए और इस फैसले तक अंतरिम आदेश प्रभावी रहना चाहिए।
मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद में यथास्थिति बनाए रखने की मांग की
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील की ओर से यह दलील दी गई कि ज्ञानवापी मस्जिद में सैकड़ों साल की स्थिति को बदला जा रहा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से यह मांग की गई है कि मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया जाए। साथ ही मुस्लिम पक्ष के वकील ने यह भी सवाल उठाया कि रिपोर्ट मीडिया में कैसे लीक हुई?