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ED के समन पर हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, झारखंड सीएम को हाई कोर्ट जाने की सलाह

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नई दिल्ली, 18 सितम्बर। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी है, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करने के साथ उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद सोरेन ने अपनी याचिका वापस ले ली और अब वह ईडी के समन को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

सोरेन ने शीर्ष अदालत से यायिका वापसी ली, अब हाई कोर्ट जाएंगे

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी ने कहा, ‘ऐसे केस हाई कोर्ट से आने चाहिए, सीधे नहीं। आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए?’ सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘मैं हाई कोर्ट जाना चाहता हूं, लेकिन कानून के कुछ ऐसे ही सवाल इस कोर्ट में भी हैं।’ ईडी के समन पर रोक की मांग के अलावा सोरेन ने पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी थी।

मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत में दावा किया कि यह पूरी तरह से पीछे पड़ जाने का मामला है। इस पर पीठ ने कहा, ‘रोहतगी जी, आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? नहीं नहीं, आप उच्च न्यायालय जाइए। हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति देंगे।’ इसके बाद पीठ ने याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया। ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी कि यह मामला बड़ी संख्या में दिए गए निर्णयों के अंतर्गत आता है।

सोरेन को ईडी ने चौथी भेजा है समन

इस बीच ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से समन भेजकर 23 सितम्बर को उपस्थित होने को कहा है। इससे पहले ईडी ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को तीसरा समन भेज कर पूछताछ के लिए नौ सितम्बर को हाजिर होने को कहा था। हालांकि मुख्यमंत्री सोरेन पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए और वह जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे।

पिछले वर्ष 9 घंटे तक हो चुकी है पूछताछ

ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता 48 वर्षीय सोरेन से राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले वर्ष 17 नवम्बर को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। केंद्रीय एजेंसी एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है, जिसमें माफिया, बिचौलियों और नौकरशाहों के एक समूह ने 1932 की तिथि तक के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए कथित तौर पर मिलीभगत की थी। ईडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्र भी शामिल हैं।

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