नई दिल्ली, 3 फरवरी। उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. शाह की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन. राम, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी ती। पीठ ने अधिवक्ता एम.एल. शर्मा की याचिका पर भी नोटिस जारी की।
अप्रैल में होगी मामले की अगली सुनवाई
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को प्रतिबंध संबंधी आदेश के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया। पीठ ने कहा, ‘हम नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाबी हलफनामा तीन हफ्ते के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर उसके दो हफ्ते के बाद दिया जाना चाहिए।’ मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
उल्लेखनीय है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री – ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ के लिंक को केंद्र द्वारा ट्विटर और यूट्यूब से हटाए जाने के बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, वरिष्ठ पत्रकार एन. राम और अधिवक्ताद्य प्रशांत भूषण व अधिवक्ता एम.एल. शर्मा द्वारा अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं।