नई दिल्ली, 7 जनवरी। सर्वोच्च न्यायालय ने एनईईटी-पीजी में दाखिले पर शुक्रवार अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस सत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण बरकरार रहेगा। कोर्ट ने इस क्रम में ओबीसी के 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने की मंजूरी दी है।
8 लाख रुपये तक की सालाना आय का क्राइटेरिया कायम रखने का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने अजय भूषण पांडे समिति की सिफारिशों को मानने और दाखिले की वर्तमान प्रक्रिया के लिए 8 लाख रुपये तक की सालाना आय का क्राइटेरिया बनाए रखने का फैसला किया है। कोर्ट ने कहा, ‘हमारे सामने दलील दी गई कि इस साल से लागू की गई आरक्षण नीति असंवैधानिक है। हमने ईडब्ल्यूएस की सीमा आठ लाख रुपए रखने पर जवाब मांगा था। इसको लेकर अक्टूबर में सवाल पूछा गया था। केंद्र ने 25 अक्टूबर को काउंसिलिंग पर रोक लगा दी। 28 अक्टूबर को दिवाली के बाद सुनवाई करने की बात कही गई, जिसके बाद 25 नवंबर को नीति की समीक्षा की बात सामने आई और एक महीने का समय मांगा।’
EWS का पैमाना तय करने में कुछ समय लगेगा
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि फैसले में यही नहीं बताया कि ईडब्ल्यूएस कोटा कब तक रहेगा। कोर्ट ने कहा, ‘EWS का पैमाना तय करने में कुछ समय लगेगा। OBC आरक्षण को हम मंजूरी दे रहे हैं। काउंसिलिंग तुरंत शुरू करने की जरुरत है, इसलिए 10 प्रतिशत EWS आरक्षण जारी रहेगा।’
अब मार्च के तीसरे सप्ताह में होगी मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मार्च के तीसरे हफ्ते में पांडे कमेटी की सिफारिश (8 लाख) की वैधता पर सुनवाई होगी। मामले पर गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई थी। केंद्र सरकार ने इस दौरान कोर्ट से कहा था कि नीट काउंसलिंग को शुरू करने की इजाजत दें। वहीं केंद्र के फैसले का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं का कहना था कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया को हटाकर वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की सीमा तय की जा सकती है।