नई दिल्ली, 29 मई। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा, जब शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने केजरीवाल की अर्जी को स्वीकार करने से ही इनकार कर दिया। चूंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी गई है, ऐसे में केजरीवाल की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं थी। यानी अब सीएम केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना ही होगा।
गौरतलब है कि सीएम केजरीवाल को गत 10 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने एक जून तक यानि 21 दिनों के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की थी और उन्हें एक जून को सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान के एक दिन बाद दो जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था।
पीठ ने 17 मई को पीएमएलए मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच ने भी केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पास जाने को कहा था।
केजरीवाल ने याचिका में ये अपील की थी
अरविंद केजरीवाल ने अचानक अपना वजन 6 से 7 किलोग्राम कम हो जाने के कारण कई चिकित्सकीय जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। उन्होंने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह जेल लौटने के लिए न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई तारीख दो जून के बजाय नौ जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।
याचिका में कहा गया था कि उनका वजन 6 से 7 किलोग्राम कम हो गया है और उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है, जो गुर्दा (किडनी), हृदय की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है। याचिका में कहा गया कि मुख्यमंत्री को पैट-सीटी स्कैन सहित कुछ मेडिकल जांच कराने की जरूरत है। पैट-सीटी स्कैन यानी पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-कंप्यूटेड टोमोग्राफी जांच के जरिए शरीर के अंगों एवं ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें ली जाती हैं।
ईडी का क्या है आरोप
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपित बनाया है। ईडी ने अदालत को बताया है कि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी कथित घोटाले से जुड़े हुए थे। ईडी का यह भी आरोप है कि केजरीवाल ही घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिसमें अन्य ‘आप’ नेता और निजी व्यक्ति भी शामिल हैं।