नई दिल्ली, 3 फरवरी। उच्चतम न्यायालय ने पांच फरवरी से शुरू होने वाली स्नातक इंजीनियरिंग योग्यता परीक्षा-2022 (गेट) टालने की मांग संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा टालने से अराजकता एवं अनिश्चितता की स्थिति पैदा होगी, जिससे तैयारियों में जुटे विद्यार्थियों के भविष्य पर विपरीत असर पड़ेगा।
याचिका में कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता अभ्यर्थी विद्यार्थियों की ओर से वकील पल्लभ मोंगिया की शीघ्र सुनवाई संबंधी याचिका शीर्ष अदालत ने आज खारिज कर दी।
इस बार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर परीक्षा का आयोजन कर रही है। इस परीक्षा के लिए परीक्षा प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वकील मोंगिया ने अनेक अभ्यर्थियों की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार बुधवार को ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
याचिका में पांच फरवरी से होने जा रही परीक्षा कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए टालने संबंधी आदेश देने की गुहार लगाई गई थी। ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पीठ के समक्ष गुहार लगाते हुए बताया गया था कि परीक्षा में करीब नौ लाख अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा टालने की लगातार मांग कर रहे हैं।