नई दिल्ली, 16 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ जमीन धंसने से उपजे संकट पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका सुनने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को याचिकाकर्ता से कहा कि उत्तराखंड हाई कोर्ट में अपनी बात रखें। सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट मामले को सुन रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट पहले से इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ता को वहीं अपनी बात रखनी चाहिए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जमीन धंसने से प्रभावित हो रहे जोशीमठ के लोगों के पुनर्वास और उनकी संपत्ति का बीमा कराए जाने की मांग की थी।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा – हाई कोर्ट में रखें अपनी बात
शंकराचार्य की याचिका में पूरे मामले को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की भी मांग की गई थी। साथ ही उन्होंने तपोवन-विष्णुगड बिजली परियोजना पर रोक की मांग भी की थी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, ’12 जनवरी को हाई कोर्ट ने इसी मामले पर आदेश पारित किए हैं। हाई कोर्ट ने विशेषज्ञ कमेटी के गठन पर जवाब मांगा है। सरकार और एनटीपीसी को जोशीमठ में निर्माण फिलहाल बंद रखने के लिए भी कहा है। हमें लगता है कि याचिकाकर्ता को वहीं अपनी बात रखनी चाहिए।’
हाई कोर्ट से जल्द सुनवाई का अनुरोध करेंगे
याचिकाकर्ता के लिए पेश वकीलों – सुशील जैन और पी.एन. मिश्र ने अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट को ही उनकी याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा, ‘आपने पुनर्वास समेत जो मांगें रखी हैं, उनके लिए हाई कोर्ट में आवेदन दे सकते हैं। हम हाई कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि अगर आप आवेदन दाखिल करते हैं, तो इस पर जल्द सुनवाई करे।’