Site icon Revoi.in

हाथरस भगदड़ : सुप्रीम कोर्ट ने जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार, याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की दी सलाह

Social Share

नई दिल्ली, 12 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच कराने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा। गत दो जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसी घटनाएं परेशान कर देने वाली हैं, लेकिन उच्च न्यायालय ऐसे मामलों का निपटारा करने में समर्थ है। पीठ ने कहा, ”बेशक, ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं। आमतौर पर ऐसी घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए याचिकाएं दायर की जाती हैं। उच्च न्यायालय ऐसे मामलों का निपटारा कर सकता है। याचिका खारिज की जाती है।”

न्यायालय ने वकील एवं याचिकाकर्ता विशाल तिवारी को हाथरस भगदड़ की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा। विशाल तिवारी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से निबटने के लिए उचित चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता का मुद्दा पूरे भारत में चिंता का विषय है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय भी इस मामले की सुनवाई कर सकता है।

प्रधान न्यायाधाीश ने याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को आयोजित सत्संग में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त किए जाने की अपील की थी।

उल्लेखनीय है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में साकार विश्व हरि  उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।