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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश : दो हफ्ते के अंदर गिराए जाएं नोएडा सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के 40 मंजिला ट्विन टावर

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नई दिल्ली, 7 फरवरी। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के 40 मंजिला ट्विन टावरों को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने साथ ही नोएडा के सीईओ को 72 घंटे के भीतर सभी संबंधित एजेंसियों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया है ताकि ट्विन टावरों को गिराने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके।

शीर्ष अदालत ने अगस्त, 2021 में ट्विन टावरों को अवैध घोषित किया था

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इन टावरों (टी-16 और टी-17) को 31 अगस्त, 2021 को अवैध करार देते हुए ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। अदालत ने साथ ही यह भी कहा था कि टि्वन टावर में जो भी फ्लैट खरीददार हैं, उन्हें दो महीने के भीतर उनकी रकम रिफंड 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाई जाए।

अमेरिकी कम्पनी एडफिस इंजीनियरिंग करेगी टावरों का ध्वस्तीकरण

मीडिया में जारी खबरों के अनुसार सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों 40 मंजिला टावरों का ध्वस्तीकरण अमेरिकी कम्पनी एडफिस इंजीनियरिंग करने वाली है।

सुपरटेक बिल्डर ने फ्लैट धारकों की अनुमति के बिना खड़े कर दिए दो टावर

प्राप्त जानकारी के अनुसार एमराल्ड कोर्ट नाम के बिल्डिंग परिसर में सुपरटेक बिल्डर ने 40 और 39 मंजिल के दो नए टावर खड़े कर दिए थे। यही नहीं, बिल्डर ने यहां रह रहे लोगों से 950 फ्लैट वाले दोनों टावर बनाते समय सहमति नहीं ली थी। नक्शे के हिसाब से सोसायटी के खुले क्षेत्र में उस जगह यह निर्माण किया गया, जहां से पार्क में जाने का रास्ता था। दोनों टावरों के निर्माण के चलते अन्य बिल्डिंगों के बीच की दूरी बहुत कम हो गई। ऐसे में यहां पहले से रह रहे लोगों को रोशनी और हवा पाने में भी दिक्कत होने लगी।

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