नई दिल्ली, 29 सितम्बर। उच्चतम न्यायालय ने गैर-सरकारी संगठन सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराते हुए भू-राजस्व विभाग को उसकी सम्पत्ति से 25 लाख रुपये का जुर्माना वसूलने का बुधवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने दहिया को अदालत को बदनाम करने एवं न्यायाधीशों और अदालतकर्मियों के खिलाफ बार-बार कीचड़ उछालने और याचिका दायर करके न्यायिक समय बर्बाद करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया।
न्यायालय ने कहा कि चूंकि दहिया ने फर्जी याचिका दायर करने के लिए लगाया गया 25 लाख रुपये का जुर्माना जमा नहीं किया है, इसलिए भू-राजस्व विभाग को बकाया वसूली के रूप में उनकी संपत्ति से उक्त राशि की वसूली का निर्देश दिया जाता है। पीठ ने दहिया की ओर से दिये गए माफीनामे को नाकाफी करार देते हुए कहा कि उसे मामले को इसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाना है।
पीठ ने कहा कि संबंधित माफीनामा अदालत के कोप से बचने का एक मात्र प्रयास है। यह सब एक छलावा है। अवमाननाकर्ता को कोई पछतावा नहीं है। पीठ ने हालांकि कहा कि वह उसे एक और मौका दे रही है, और मामले को सात अक्टूबर को सजा पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।