नई दिल्ली, 10 मई। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा।
केजरीवाल ने 5 जून तक के लिए मांगी थी जमानत
पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें चार जून को होने वाली मतगणना के एक दिन बाद पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चुनाव प्रचार के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए न्यायालय में कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। शीर्ष अदालत मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले महीने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
शीर्ष अदालत बोली – 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा, ‘हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी उससे पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’