Site icon hindi.revoi.in

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसान के खराब स्वास्थ्य पर चिंता जताई – ‘जीवन अनमोल है’

Social Share

नई दिल्ली, 13 दिसम्बर। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की, जो 17 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि वे डल्लेवाल से तुरंत मिलें और उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं तथा उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए राजी करें क्योंकि उनका जीवन बहुत कीमती है।

केंद्र व पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को डल्लेवाल से मिलने का दिया निर्देश

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और पंजाब सरकार एवं महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को आगाह करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि डल्लेवाल के आमरण अनशन को समाप्त करने के लिए उनके खिलाफ तब तक कोई बल प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि उनकी जान बचाना जरूरी नहीं हो। पीठ ने मेहता और सिंह से कहा, ‘‘आप दोनों इस मुद्दे पर तत्काल गौर करें और सुनिश्चित करें कि इसका समाधान हो।’’

पीठ ने सलाह दी कि अगर जरूरत पड़े तो डल्लेवाल को तत्काल चिकित्सा के लिए पीजीआई (पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) चंडीगढ़ या निकटवर्ती पटियाला शहर में स्थानांतरित किया जा सकता है। पीठ ने आंदोलनकारी किसानों से गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन करने और अस्थायी रूप से इसे स्थगित करने या राजमार्गों से हटने को कहा और शीर्ष अदालत द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को किसानों से मिलने का निर्देश दिया।

डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके। सुरक्षा बलों द्वारा किसानों के दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

Exit mobile version