नई दिल्ली, 16 मई। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए केंद्र को दो नामों की सिफारिश की है, जिनमें से एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्र और वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन के नाम की कॉलेजियम द्वारा सिफारिश की गई है।
यदि कॉलेजियम की सिफारिश सरकार द्वारा स्वीकार कर ली जाती है तो 11 अगस्त, 2030 को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की सेवानिवृत्ति पर विश्वनाथन भारत के प्रधान न्यायाधीश बन जाएंगे और 25 मई, 2031 तक इस पद पर बने रहेंगे। साथ ही यदि केंद्र सरकार की स्वीकृति मिली तो विश्वनाथन बार से सीधे उच्चतम न्यायालय की पीठ में पदोन्नत होने वाले 10वें व्यक्ति होंगे।
पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति है और वर्तमान में यह 32 के साथ काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दो जज – जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह – पिछले दो दिनों में सेवानिवृत्त हुए हैं।
कॉलेजियम ने, जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल, केएम जोसेफ, अजय रस्तोगी और संजीव खन्ना भी शामिल हैं, अपने प्रस्ताव में उल्लेख किया है कि जुलाई के दूसरे सप्ताह तक चार और रिक्तियां होने जा रही हैं और न्यायाधीशों की कार्य क्षमता घटकर 28 हो जाएगी।