नई दिल्ली, 18 सितम्बर। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इस सवाल पर सुनवाई तीन अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी कि क्या धनशोधन रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तारी या संपत्ति कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को बरकरार रखने वाले उसके 2022 के फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया और स्थगन का अनुरोध किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इसका कड़ा विरोध किया।
शीर्ष न्यायालय मामले पर सुनवाई स्थगित करने पर राजी हो गया और उसने अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख तय की। न्यायालय उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें 27 जुलाई 2022 के आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने 2022 के अपने आदेश में पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी और धन शोधन में शामिल संपत्ति की कुर्की, तलाशी और जब्ती की ईडी की शक्तियों को बरकरार रखा था।