वाराणसी, 19 नवंबर। भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुक्रवार की शाम विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली के अवसर पर देवताओं के स्वागत में दीपों की रोशनी से जगमग हो उठी और इस दौरान गंगा का अर्धचंद्राकार किनारा दैवीय आभा से दमक उठा।
उत्तर वाहिनी सुरसरि के घाटों पर ओर से छोर तक दीपमालाओं की लड़ियों से अलौकिक छटा देखते ही बनती थी। कहीं फूलों की लड़ियां सजाई गई थीं तो कहीं रंगोलियां। कहीं हल्दी-चंदन से अल्पनाएं उकेरी गईं तो कहीं फुलझड़ियों की सतरंगी बौछारें उत्सव में आनंद का संचार करती रहीं।
कार्तिक पूर्णिमा की शाम गहराने के साथ ही गंगा किनारे सभी 84 घाटों सहित 36 कुंडों की
घाटों की इस अलौकिक छटा को देखने के लिए देश-विदेश से आए मेहमानों का शाम से ही जमावड़ा लग गया था। अस्सी से राजघाट तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। देर रात तक कहीं सुरों की खनक तो कहीं पटाखों की धमक सुनाई दे रही थी।