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पंजाब : सुखबीर सिंह बादल का शिअद अध्यक्ष पद से इस्तीफा, सोमवार को कार्यसमिति की आपात बैठक

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चंडीगढ़, 16 नवम्बर। पंजाब में एक राजनीतिक घटनाक्रम के तहत राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। समझा जाता है कि बादल ने अगले चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस्तीफा दिया है।

पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने X पर एक पोस्ट में बादल के इस्तीफे की जानकारी शेयर की और कहा कि शिअद अध्यक्ष एस सुखबीर सिंह बादल ने नए अध्यक्ष के चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आज पार्टी की कार्य समिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

चीमा की पोस्ट में आगे कहा गया कि बादल ने अपने नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करने और पूरे कार्यकाल के दौरान पूरे दिल से समर्थन और सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। आगे की रणनीति तय करने के लिए अकाली दल कार्यसमिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने सोमवार, दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई है।

शिअद के नए पदाधिकारियों का 14 दिसम्बर को चुनाव निर्धारित

उल्लेखनीय है कि अकाली दल के अध्यक्ष पद, पदाधिकारियों और कार्यसमिति के लिए चुनाव 14 दिसम्बर को होने हैं। वहीं सुखबीर बादल को अकाल तख्त की ओर से ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया जा चुका है। अब बादल के इस्तीफे से नए पार्टी प्रमुख के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

अकाल तख्त की ओर से ‘तनखैया घोषित किए जा चुके हैं बादल

बादल ने शिअद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से कुछ दिन पहले अकाल तख्त के जत्थेदार से धार्मिक कदाचार के आरोपों में उन्हें सजा सुनाने का आग्रह किया था। शिअद नेता ने कहा था कि उन्हें ‘तनखैया’ करार दिए जाने को दो महीने से अधिक समय बीत चुका है।

जत्थेदार ने अब तक बादल के लिए तनखाकी घोषणा नहीं की है

गौरतलब है कि सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 तक अकाली दल और उसकी सरकार की ओर से की गई ‘गलतियों’ के लिए बादल को गत 30 अगस्त को ‘तनखैया’ घोषित किया था। जत्थेदार ने अब तक बादल के लिए ‘तनखा’ (धार्मिक सजा) की घोषणा नहीं की है। बादल के अकाल तख्त से कोई अस्थायी राहत पाने में नाकाम रहने के बाद शिअद ने बीते 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा।

पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित कई बागी शिअद नेता गत एक जुलाई को अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे। उन्होंने 2007 से 2017 तक पार्टी की सरकार की ओर से की गई ‘गलतियों’ के लिए माफी मांगी थी।

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