इस्लामाबाद, 20 नवम्बर। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन से मलिकेल क्षेत्र स्थित एक संयुक्त चौकी में टक्कर मार दी। इससे वहां धमाका हो गया और पाकिस्तानी सेना के कम से कम 12 जवानों की मौत हो गई।
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने बताया कि आतंकवादियों ने मंगलवार देर रात बन्नू जिले के मालीखेल क्षेत्र में एक संयुक्त चौकी पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन सैनिकों ने चौकी में घुसने के उनके प्रयास को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया।
आईएसपीआर के अनुसार आत्मघाती विस्फोट के कारण दीवार का एक हिस्सा ढह गया और आस-पास के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा, जिसके चलते 10 सैनिकों और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के दो सैनिकों सहित 12 सैनिकों की मौत हो गई। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि गोलीबारी में छह आतंकवादी भी मारे गए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली जिम्मेदारी
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार हाफिज गुल बहादुर समूह के नाम से मशहूर पाकिस्तानी तालिबान के एक अलग गुट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएसपीआर के बयान में कहा गया है, ‘इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और इस जघन्य कृत्य के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’
बलूचिस्तान में अलगाववादियों के खिलाफ नए सैन्य अभियान की घोषणा
यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब एक दिन पहले ही देश के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘व्यापक सैन्य अभियान’ को मंजूरी दी है। इस क्रम में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादियों के खिलाफ एक नए सैन्य अभियान की घोषणा की, जो खैबर पख्तूनख्वा की सीमा पर है और जहां प्रमुख चीनी बेल्ट एंड रोड परियोजनाएं चल रही है।
सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कहा कि वे आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं। पूरे देश में, खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में, पिछले वर्ष आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में तीव्र वृद्धि देखी गई है।
क्वेटा के रेलवे स्टेशन पर 9 नवम्बर को हुआ था धमाका
उल्लेखनीय है कि इसी माह नौ नवम्बर को क्वेटा में एक रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में पाकिस्तानी सेना के 14 जवानों सहित 25 लोग मारे गए थे। यह विस्फोट उस समय हुआ था, जब यात्री बलूचिस्तान की राजधानी में मुख्य रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर इंतजार कर रहे थे। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने कहा है कि 2024 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में 90 प्रतिशत की वृद्धि देखी जाएगी।