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सुब्रमण्यम स्वामी बोले – ‘इस्लाम लोकप्रिय धर्म है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि भारतीय मुसलमानों की संस्कृति अरबी हो’

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नई दिल्ली, 22 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस्लाम को विश्व का लोकप्रिय धर्म मानते हुए कहा कि इसका यह मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि भारतीय मुसलमान अरब देशों की संस्कृति फॉलो करें।

इस्लाम को लेकर अपने विचारों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले पूर्व भाजपा सांसद स्वामी ने एक प्रश्न खड़ा करते हुए सवाल किया है कि आखिर वर्ष 1947 में मुल्क का बंटवारा हुआ और अगर हिन्दू अपने क्षेत्र को हिदुस्तान नहीं बनाना चाहते थे तो फिर मुल्क बंटा ही क्यों?

ट्विटर पर अपनी बात रखते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘यदि हम हिन्दुओं का विभाजन किए भारत के अपने हिस्से को हिन्दुस्तान बनाने का कोई इरादा नहीं था तो हम विभाजन के लिए क्यों सहमत हुए? इस्लाम एक बहुत ही लोकप्रिय धर्म है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हिन्दुस्तान में मुसलमानों की संस्कृति अरबी होनी चाहिए।’

‘आने वाले समय में भारत जरूर हिन्दू राष्ट्र बनेगा

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र की बात छेड़ते हुए कहा कि आने वाले समय में भारत जरूर हिन्दू राष्ट्र बनेगा। इसके पहले हिजाब विवाद का काफी मुखर होते हुए उन्होंने कहा था कि ये इस्लाम की आवश्यक प्रथा नहीं है, इसलिए इसे स्कूलों में फॉलो किया जाना बेकार की बात है।

स्वामी ने मुस्लिम विद्वानों को चुनौती देते हुए कहा था, ‘हिजाब इस्लामिक प्रथा का महत्वपू हिस्सा नहीं है। अगर ऐसा है और अगर कुरान में कहीं भी ऐसा करना धर्म के अनुसार जरूरी है तो आप मुझे दिखा दें कि हिजाब इस्लाम का महत्वपूर्ण भाग है, अगर ऐसा है तो मैं पहला इंसान बनूंगा, जो हिजाब के पक्ष में खड़ा होगा।’

 

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